STORYMIRROR

कलम रख दिया

कलम रख दिया

1 min
283




नहीं लिखना है हमें

ऐसा कुछ

जो सभी को तो पसंद हो

पर मुझे नहीं

लिखना है मुझे राजा के खिलाफ

चाटूकारों के विरुद्ध

समाज के कायरता पर

अमीरों के तांडव पर

गरीबों के हक में खडा़ रहना है

सुना है यह समय ठीक नहीं

सब कुछ खरीदा जा रहा है

मेरी सोच का भी मोल लगेगा

कलम रख दिया है

कलम रख दिया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract