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Mayank Kumar

Romance

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Mayank Kumar

Romance

कलापिनी की बारिश

कलापिनी की बारिश

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ए बारिश तू ऐसे ही बरसना

उर्मि को लिए कलापिनी में

सुरभि को शांत करना

आज ख़ूब बरसना . . !


मयन से आशीष लेकर

खूब लिपटना

श्यामा का सुर लिए

आज खूब बसना . . !


प्रियसी का वंशीधर बनकर

तथाकथित समाज को चिढ़ाते हुए

खूब निमग्न होकर प्रेम धुन लिए

आज ख़ूब बरसना . .!



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