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जीना सिखाती है आंगन किस तरह बितावैं सुरभि और हम मन चमन में सुमन खुशी के प्यार तो होती है चाहत मनुज जीवन-आधार कमियां सदा देखें खुद की अश्क पोंछें किसी आंख से खुशी मिलेगी यहीं खुश रहने की हसरत आशीष गौ माता निज आचरण सुधार सुरभि सुख की अपनेपन की सुरभि अपनी उमरिया प्रेम सरिता बसंत

Hindi सुरभि Poems