प्रेम सरिता
प्रेम सरिता
सदा याद मन में रखें ये विचार,
प्रेम सरिता मनुज जीवन-आधार।
सुरभि सुख की फैलाती है,
सारे संसार में।
हम सबको ही जीना सिखाती है,
इस संसार में।
आसां ये जीवन है बनता,
सब संग प्रेम से हम रहते हैं।
ये तो कोई नयी बात है ना,
ऐसा सदियों से सब कहते हैं।
सतत् प्रेम सरिता बहाते रहें और,
प्रेम लुटाते रहें संसार में।
सदा याद मन में रखें ये विचार,
प्रेम सरिता मनुज जीवन-आधार।
सुरभि सुख की फैलाती है,
सारे संसार में।
हम सबको ही जीना सिखाती है,
इस संसार में।
याद हमको सदा यह भी रखना,
हम इस जहां में क्यों है आएं?
लेकर हमें क्या है जाना?
और क्या लेकर थे आए?
प्रेम सरिता बहाकर जगत में,
अपना सबको बनाना है संसार में।
सदा याद मन में रखें ये विचार,
प्रेम सरिता मनुज जीवन-आधार।
सुरभि सुख की फैलाती है,
सारे संसार में।
हम सबको ही जीना सिखाती है,
इस संसार में।
कमियां सदा देखें खुद की,
औरों की खूबियों पर ध्यान देना।
इन्हें करके खुद में समाहित,
निज आचरण सुधार है लेना।
निज त्रुटियों को ही मिटाकर,
गुण बढ़ाने हैं निज व्यवहार में।
सदा याद मन में रखें ये विचार,
प्रेम सरिता मनुज जीवन-आधार।
सुरभि सुख की फैलाती है,
सारे संसार में।
हम सबको ही जीना सिखाती है,
इस संसार में।