गौ माता
गौ माता
हरित भूमि और सप्तसिंधु से सिंचित माटी भारत की,
स्वर्णिम कीर्ति को धारण करते जो शरण पड़े गौ माता की।
विश्व पटल पर अंकित कीर्ति सदा मेरे भारत की,
विकास पथ को वही गढ़ते जो शरण पड़े गौ माता की।
गौमाता की चरण धूल कीर्ति बढ़ाती भारत की,
विपदा से नहीं वो डरता जो शरण पड़े गौ माता की।
हिम शिखरों से तराई तक ख्याति अमर मेरे भारत की,
तैंतीस कोटि ईश की मूरत, सूरत है गौ माता की।
मातृ शक्ति की साधना ही शक्ति है मेरे भारत की,
संस्कृति का संवर्धन ,सेवा है गौ माता की।
सकल ब्रह्मांड में छाई विरासत मेरे भारत की,
नर नारायण से भी ऊपर सेवा है गौ माता की।।