कलाकार
कलाकार
में अपनी सोचों के दरों दीवारो का कैदी हूँ
मुझे निस्बत है तन्हाइयों में जीने की
और मुहब्बत है अपने शाहकारों से
मैं अपनी हवस हसद लालच की कैंचुली से आज़ाद
एक मुद्दत से खुदी में ज़िन्दा एक बहार हूँ
मैं एक कलाकार हूं
मेरी तसवीरें सिर्फ़ मेरा ख्याल भर ना समझना
फ़कत मेरा तख्य्युल ना समझना
रुके हुए लम्हों की लज़्ज़त कहीं उदासी में लिपटी हुई
कहानियों में रखे रंगो का समावेश है
ये कहीं अभिमन्यू की वीरता का तेज है
कहीं सवाल है तसवीर में मेरी और
कही तसवीरे मेरी खुद ही एक सवाल है
कुछ बेचैनिया है
कुछ राहत है
बहुत कुछ है नज़र वालों के लिए
फलसफी एक मंझधार हूँ
मैं एक कलाकार हूं
किताबों में सोई
यहाँ वहाँ दरबदर भटकती हुई
कहानियों को चुगता फिरता एक मोर हूँ
खूबसूरती का चोर हूँ
मुझे सुब्ह शाम के मन्जर इशारा करते हैं
रंग बिरंगे ये नज़ारे बेचैन करते हैं
खुदी मे तंग खुदी में खोया मृग कस्तूरी हूँ
सातों सुरों की एक सितार हूँ
मैं एक कलाकार हूं
ये जीवन यूँ ही चलता रहे
चले साथ साथ हर कोई
कला भी मगर सलामत रहे
ना आँच आए कभी इस पर
कला का राज हो हर दिल पर
ज़माने को मिलाती रहे
नए आयाम बनाती रहे
हर बार कोई ना कोई कहता रहे मे कलाकार हूँ
मैं एक कलाकार हूं।
