ये भी एक ख़्वाब है
ये भी एक ख़्वाब है
एक कप चाय
और तुम सामने
गुफ़्तगू अपनी
ना दुनियाँ की ना जहान की
ये भी एक ख़्वाब है
यूँ ही बेसबब
तन्हाँ कही तुम मिलों
पहरों बैठे किसी पेड़ की छाँव में
ना तुम जाने का कहो
ना मुझे कोई काम हो
बस बेसबब
एक साथ बैठे बैठे सुब्हा से शाम हो
ये भी एक ख़्वाब है
सोचता हूं कभी कभी
तुम्हारा फ़ोन तुम्हारा कोई मैसेज आये
तुम वो कहो जो तुम मेरे ख़्यालो में कहती हो
कहो कि तुम याद आते हो
कहो कि में कब भुली हूँ तुम्हें
कहो कि चलो फिर से शुरू करें
एक नई ज़िंदगी
ये भी एक ख़्वाब है

