रोज की तरह आज का यह दिन नहीं था, रोज की तरह आज का यह दिन मुझे ऊबा नहीं रहा था।। रोज की तरह आज का यह दिन नहीं था, रोज की तरह आज का यह दिन मुझे ऊबा नहीं रहा था...
सुबह से शाम तक धन धन करता भागे, फिर भी देखो इन्सान भूखा मर रहा है। सुबह से शाम तक धन धन करता भागे, फिर भी देखो इन्सान भूखा मर रहा है।