सब याद है रिमझिम रिमझिम उसका यूँ बरसना, एक एक बूंद के लिए हम सबका यूँ तरसना। सब याद है रिमझिम रिमझिम उसका यूँ बरसना, एक एक बूंद के लिए हम सबका यूँ तरसना।
रोज की तरह आज का यह दिन नहीं था, रोज की तरह आज का यह दिन मुझे ऊबा नहीं रहा था।। रोज की तरह आज का यह दिन नहीं था, रोज की तरह आज का यह दिन मुझे ऊबा नहीं रहा था...
सुबह से शाम तक धन धन करता भागे, फिर भी देखो इन्सान भूखा मर रहा है। सुबह से शाम तक धन धन करता भागे, फिर भी देखो इन्सान भूखा मर रहा है।