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Himanshi Tanwar

Abstract

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Himanshi Tanwar

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बारिश

बारिश

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सब याद है रिमझिम रिमझिम उसका यूँ बरसना,

एक एक बूंद के लिए हम सबका यूँ तरसना,

प्यासी जमीन को भी बखूबी सींचती है,

यादों की पुरानी दुनिया की ओर हमें यह खींचती है,

यादों की खुशियों के किले फिर से महक जाते हैं,

मुरझाए हुए पौधे हो या इंसान फिर से चहक जाते हैं,

हमारे आंसू भी बारिश की बूंदों की तरह होते हैं,

जिनको खोकर या पाकर हम इस दुनिया के दीवाने होते हैं,

बूंदों में आती है मोतियों की सी चमक, 

जब सब मोतियाँ मिलते है पूरा आसमान जाता है चमक!!!


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