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Himanshi Tanwar

Tragedy

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Himanshi Tanwar

Tragedy

एक लड़की की आवाज़

एक लड़की की आवाज़

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माँ! पापा! मुझे मेरी गलती तो बता दो,

लड़की होना पाप है तो अभी सजा दो,

मैंने क्या किया जो मुझपर फिका तिज़ाब, 

मेरी जिंदगी तो मिट ही गई साथ में

आपकी इज्जत हो गई खराब!!!

मैं तो मम्मी की परी और पापा की राजकुमारी थी,

रोज की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज जा रही थी,

बाइक सवारों ने बैग खींचा और जोर से धक्का मारा,

मैं गिर गई! समाज देख रहा था यह खेल सारा

घुटने से खून निकले लेकिन मैं हिम्मत कर खड़ी हुई, 

उन्होंने निकाली शीशी तेज़ाब की जो पूरी भरी हुई,

दो कदम लड़खड़ा कर भागी भी पर कुछ खास दूर नहीं गई,

लोग आइसक्रीम खाते देख रहे थे कयोंकि महीना था मई,

उन दरिंदों ने सारी शीशी का तेजाब मुझ पर फेंका था,

कोई नहीं आया बचाने मुझको जबकि सबने मुझको देखा था,

मैं बुरी तरह जल रही थी, तड़प रही थी, चौराहे के बीच, 

लोग कह रहे थे जल रही है दर्द से जल्दी फोटो खींच,

पूरे शरीर के साथ मेरी आशा भी जलकर राख हो गई,

आज फिर मानवता रज़ाई ओढ कर सो गई,

मैं आगे पढ़ना चाहती थी, मैं आगे बढ़ना चाहती थी,

खेल तो देखो

जिसका मैं शिकार हुई उसी समस्या को हल करना चाहती थी,

पुलिस भी पूछताछ कम ज़लील ज्यादा करती है,

लड़की की इज्ज़त की बात चूडी वहीं मरती है,

कोई लड़के का चक्कर तो नहीं था ऐसा पूछा जाता है,

माँ- बाप के भरोसे का क्या होता है कभी सोचा है,

ज़रा सोचो उस मासूम की ज़िंदगी कैसी होगी,

जो रोज़ अपने जले चेहरे को देखकर डरती होगी,

मुझे चीखते और तड़पते हर किसी ने देखा,

जब बात आई न्याय की सबने किया अनदेखा,

जब फिका मुझपर तेज़ाब सबने वीडियो बनाई थी,

न्याय के नाम पर वह वीडियो स्टेटस पर लगाई थी,

हम इन मामलों में पड़ना नहीं चाहते कहते हैं लोग सभी,

ये मत भूलना तुम्हारी बेटी बहन भी शिकार हो सकती हैं कभी,

टी. वी. पर देखकर लोग चंद मिनट हैरान होते हैं,

फिर टी. वी. बंद कर आराम की नींद सोते हैं,

क्या इस बुराई की ओर कभी गौर किया है,

क्या इस अपराध का तुमने बदला लिया है,

आपके साथ के बिना मैं कुछ नहीं कर सकती थी,

आपकी बहन बेटी के साथ न हो बस यही दुआ करती हूँ,

आजतक तेज़ाब सिर्फ लड़कियों पर क्यों फिका, कयोंकि वो हैवान होते हैं,

जो होते हैं चेहरे पर फिदा, अगर आज सोच समझकर आवाज़ नहीं उठाओगे,

तो अपनी बहन बेटी को उसी कटघरे में खड़ा पाओगे,

तेज़ाब फेंकने की चाहे जो भी हो वजह, 

चुप मत बैठो! जब तक अपराधी को न मिले सज़ा,

गंभीर माहौल में भी लड़की पर लांझन लगा दिया जाता है,

कयोंकि कुछ लोगों को बस यही आता है,

अपना हाथ भी जले तो दस दिन तक पट्टी करते हो,

तो क्यों मेरे जले चेहरे को देखकर तुम बातें खट्टी करते हो!


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