संगीत
संगीत
संगीत से मिलन तो बचपन में ही हो जाता है,
जब एक बच्चा मां की लोरी सुनते सुनते सो
जाता है,
संगीत का मतलब सिर्फ आवाज़
या गाना नहीं होता,
बल्कि यह कि कितना समझ पाया
उसे सुनने वाला श्रोता,
संगीत हर इंसान से एक सा खेल खेलता है,
एक तरफ तारीफ तो दूसरी तरफ
निंदा दोनों बखूबी झेलता है,
संगीत बस संगीत नहीं जिंदगी का सार होता है,
जिसमें हर इंसान अपने आपको
दिल से डूबोता है,
लाला लाला लोरी हो या कुछ और,
संगीत की कभी निंदा ना करना
इस बात पर फरमाओ गौर!!!
