STORYMIRROR

Saroj Prajapati

Romance

2  

Saroj Prajapati

Romance

कल रात

कल रात

1 min
369

विरह की अग्नि में तड़प रही विरहन को

लौट प्रियतम ने आलिंगनबद्ध कर उर लगाया


तृप्त हुई आत्माएं, नैनो ने प्रेम रस छलकाया

देख इस मधुर मिलन को चांदनी भी शरमाई


भोर की बेला में आती सूर्य किरणों को

मन की यह बात सुनाई

सखी ! कल रात कमल दल फूले।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance