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Saroj Prajapati

Romance

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Saroj Prajapati

Romance

कल रात

कल रात

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विरह की अग्नि में तड़प रही विरहन को

लौट प्रियतम ने आलिंगनबद्ध कर उर लगाया


तृप्त हुई आत्माएं, नैनो ने प्रेम रस छलकाया

देख इस मधुर मिलन को चांदनी भी शरमाई


भोर की बेला में आती सूर्य किरणों को

मन की यह बात सुनाई

सखी ! कल रात कमल दल फूले।


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