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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational Others

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational Others

कल आज और कल

कल आज और कल

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हम बबूल रोप देते हैं

और आम की

चाहत रखते हैं

पर ऐसा भला होता कहाँ

जो बोते हैं उसे पाते हैं !!


दूर देश बस चले गए

वहाँ सुध

अपनों की भूल गए

गाँव समाज

माँ बाबू को

वीराने में छोड़ गए !!


चलना हमें

सिखाया जिसने

हर क्षण सीने से

लगा कर रखा

सर्द गर्म आँधी तुंफा से

हमको हर क्षण

उसको पास न आने दिया !!



सबलोगों का

धर्म है मानो

बच्चों को खुश रखता है

जितना जिसके पास रहे

उसे निछाबर करता है !!


हम अपने बच्चों को

अच्छी तालीम दिलाते हैं

उच्च शिखर पर

चढ़ने का

हम अंदाज़ सिखाते है !!


पंख लगाके

अनंत क्षितिज में

हम दूर -दूर उड़ जाते हैं

पर अपने

छोटे घोसलों में

शाम को घर आ जाते हैं !!



दूर -दूर रहकर

अपनों से

बच्चें भी इसको सीखते हैं

आने वाला समय

हमेशा

वही समय दिखलाते हैं !!



कर्तव्य हमारा है सब पर

जिसे निभाना है

हमको

समाज ,व्यक्ति, पिता -पुत्र

को लेकर चलना है सबको !!




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