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भूपेंद्र राज 【फ़कीरा शायर】

Drama

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भूपेंद्र राज 【फ़कीरा शायर】

Drama

कितनी तकलीफ से गुजर रही है ना

कितनी तकलीफ से गुजर रही है ना

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ये इंसानी दुनिया जो इतनी तकलीफ से गुजर रही है ना,

खुद की ही बनाई दुनिया बिखर रही है ना।

खुद के ही स्वार्थ के लिए प्रकति उजाड़ रखी है ना,

अभी भी वक़्त है,बचा लो उजड़ती दुनिया को।

कही ऐसा न हो इंसान का वजूद ही खत्म हो जाये,

ये इंसानी दुनिया जो इतनी तकलीफ में गुजर रही है

खुद की ही बनाई दुनिया बिखर रही है ना।

कोई खुदा भगवान नहीं बचाएगा तुम्हारी दुनियां,

तूने उजाड़ी है तू ही बचायेगा ये दुनियां।

ये वही दुनिया है जहाँ तू खुद ही खुद का गुनहगार है

ये दुनिया उजाड़ रखी है तूने।।

दोष किसी और को न दे पाएगा।


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