किताबें कुछ कहती हैं।
किताबें कुछ कहती हैं।
किताबें कुछ कहती हैं।
क्यों हो अकेले तुम?
हम तुम्हारे साथ में ही तो रहतीं हैं।
साथी धोखा दे सकते हैं।
लेकिन हम केवल दोस्त हैं।
समस्या कोई भी लेकर आओ,
समाधान तुम हममें पाओ।
काहे को हो उदास?
हम जानते हैं सफलता के हर राज।
मन लगाकर हमको पढ़ लो
सफलता की तब सीढ़ियों पर तुम चढ़ लो।
हर उम्र के लोगों की साथी।
बच्चों के लिए हूं रंग बिरंगी
इसमें छपे फूल और पाती।
ज्यों ज्यों बड़े होते जाओगे।
पुस्तकों से हेत लगाओगे।
इस जीवन में विद्या बुद्धि और धन सब कुछ तो तुम पाओगे।
अकेलापन नहीं सताएगा तुमको।
हर समाधान स्पष्ट नजर आएगा तुमको।
किताबों की अहमियत तो समझो।
पढ़ो किताबों को तुम्हें वह बहुत कुछ समझाएंगी।
उनको यूं ही बेकद्री से बेचते हुए तुम्हें शर्म नहीं क्या आएगी?
खुद पढ़ लो और दे दो किसी जरूरतमंद को ही वह तुम्हारे
जीवन को नकारात्मकता से सकारात्मकता की और ले जाएं
