किस्मत
किस्मत
हंसी उसकी सियासत है
अदा उसकी रियासत है
आवाज उसकी मिलकियत है
वो रूप से पूरी कयामत है
उसकी तारीफ ना करना
खूबसूरती की तोहमत है
रेत के टीलों पे फूल खिलते है
जो हो जाती उसकी शिरकत है
मुझे उसके ना की फिक्र नहीं
ना सुनने की मुझमें हिम्मत है
हमे ना सुनने का डर क्यो हो
हमारी तो शक्सियत भी औसत है
इश्क़ फरमाएंगे हम भी
जो हो जाता वो सहमत है
और हां अगर वो कह देता है
तो समझो बस मेरी किस्मत है।

