नेता
नेता
लोग मेरी बातें सुनते हैं
मैं असहमत को भी सहमत कर देता हूं
मुझमें है एक गजब का तेज
मेरी पंक्तियों को लोग दोहराया करते हैं
लेकिन मैं नेता नहीं बन सकता,
कोई मुझे नेताजी नहीं कह सकता
क्योंकि मुझ में उतनी हिम्मत नहीं,
क्योंकि मैं थोड़ा मतलबी हूं,
क्योंकि मैं नहीं छोड़ सकता
मेरी उच्च श्रेणी की नौकरी,
क्योंकि नहीं त्याग सकता हूं जीवन,
क्योंकि मैं नहीं त्याग सकता कुछ भी,
क्योंकि मैं सुभाष चंद्र बोस नहीं
क्योंकि मैं नेताजी नहीं।