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किसान

किसान

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आज फिर एक दिन बीत गया पर

ख़ुशियों की फसलें

किसी और की किस्मत निकली


मेहनत के फावड़े भी चलाए उसने

पर बंजर जमी ए नसीब

उसके लिए आफत निकली


रहमोकरम से बहुत बारिश भी हुई, पर

वो किसी और की

बड़ी सी छत निकली


सपने भी उसके ज्यादा बड़े नहीं थे पर

कमाई से ज्यादा

लागत निकली


जितना भी था

उसी में जश्न मनाया उसने

बड़ी जिंदादिल

उसकी फितरत निकली !


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