ज़िंदगी एक शिक्षक
ज़िंदगी एक शिक्षक
औकात नही कि
तुझे कुछ सौगात दे सकूंं
ए ज़िंदगी !
बशर्ते ये हक़ीक़त है
कि हर पाठ
तूने ही पढ़ाया है...!
औकात नही कि
तुझे कुछ सौगात दे सकूंं
ए ज़िंदगी !
बशर्ते ये हक़ीक़त है
कि हर पाठ
तूने ही पढ़ाया है...!