मौसम बदलते हैं, अपने समय पर आते - जाते हैं...। मौसम बदलते हैं, अपने समय पर आते - जाते हैं...।
जितना भी था उसी में जश्न मनाया उसने बड़ी जिंदादिल उसकी फितरत निकली ! जितना भी था उसी में जश्न मनाया उसने बड़ी जिंदादिल उसकी फितरत निकली !
मिटटी से सोना उगाना है काम अन्नपूर्णा की तरह नाम है उनका किसान I मिटटी से सोना उगाना है काम अन्नपूर्णा की तरह नाम है उनका किसान I
मैं अनजान बना लोगों में सब कुछ खोकर कुछ नहीं पाया। मैं अनजान बना लोगों में सब कुछ खोकर कुछ नहीं पाया।
उठो किसानों, उठो मज़दूरों यह दिन तुम्हारे है ! उठो किसानों, उठो मज़दूरों यह दिन तुम्हारे है !
दाना धरती का कातिल और मसीहा भी। दाना धरती का कातिल और मसीहा भी।