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Sanjay Raghunath Sonawane

Drama

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Sanjay Raghunath Sonawane

Drama

मज़दूर, किसान भारत की शान !

मज़दूर, किसान भारत की शान !

1 min
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उठो किसानों, उठो मज़दूरों

यह दिन तुम्हारे है

कभी सुख से जीना है

यह दिन तुम्हारे हैं

जीने के हक तुम्हारे है

तुम्हें नहीं गवाँना हैं

मेहनत का फल पाना है

जिंदगी सुख से जीना है

कष्ट का न्याय पाना है

अपना गुजारा करना है

धरती की सेवा करना है !


तुम देश के सहारे हैं

तुम देश के आधार है

दुनिया को सँभालते है

मेहनत ही हिम्मत है

जीने का सहारा है

यह तुम्हारा धर्म है

यह तुम्हारा कर्म है

उठो किसानों, उठो मजदूरों

यह दिन तुम्हारे है

जीने के हक तुम्हारे

आज नही गवाँना है !


शक्ती के सागर है

मुसीबतो को हटाते है

दुःख दर्द सहलाते है

अपने फर्ज निभाते है

भारत माता के सपूत है

दुनिया को बचाते है

तुम देश के वीर है

तुम देश के शिल्पकार है

उठो किसानों, उठो मजदूरों

यह दिन तुम्हारे है

जीने के हक है तुम्हारे

आज नही गवाँना है !


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