STORYMIRROR

Ajay Tiwari

Drama

3  

Ajay Tiwari

Drama

सीख लिया

सीख लिया

1 min
196

गीली आँखों में मुश्कराना सीख लिया

हमने भी ज़िंदगी को आज़माना सीख लिया


तुम थे तो हंसते थे हम हर बात पे अब मगर

अकेले हैं तो ख़ुद पे हँसाना सीख लिया


बड़ा ग़ुरूर था आसमाँ को अपनी ऊँचाई पे

कुछ परिंदे छोड़े, और आँख दिखाना सीख लिया


जहर सा भर गया था शहर की हवा से मुझमें

गाँव गया और फिर से जीना सीख लिया


ज़िंदगी बस यूँ ही रही नाराज़ हमसे हमेशा

हमने भी फिर मौत को बहलाना सीख लिया।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Ajay Tiwari

Similar hindi poem from Drama