रंगों का कारोबार
रंगों का कारोबार
सतरंगी सपनों से सजा दे ये संसार
चलो सजाएं नीलाअम्बर मुक्ताकाश
प्रेम और इश्क के रंग होंगे हजार
रंगीली दुनियां और निराले कलाकार
अलबेली सी मै करती हूं रंगों का कारोबार
रेत की मानिंद फिसल जाएगी ये जिंदगी
वक्त की रफ्तार चली जीवन के आरपार
मानव देह अनमोल है ,मिलेगी ना बारबार
धरा को रंग दे हरा रंग पौधारोपण के संग
कम ना हो होली की मस्ती और उमंग
बधाई हो रंग बिरंगी होली का त्योहार
खुशहाल रहे इस देश का हर परिवार।