शीर्षक_"रंग बिरंगी होली"
शीर्षक_"रंग बिरंगी होली"
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मेरे चेहरे पे आते जाते रंग
बदलते हैं हर मौसम के संग,
तितली सी बेजुबान हूं मैं पर
आंखे बयां कर देती हैं
बेचैन और ख़ामोश दिल की जंग,
इंद्रधनुष सी हस्ती मेरी
समेटे हूं इसमें प्यार के हजार रंग,
मेरी जिंदादिली और मस्ती से
कभी ना होंगे ये बदरंग,
आओ खेलें होली
धूम और मस्ती के संग।
