घबरा गया था वो उस समय,
जब उसने किसान को देखा ,
खेतों में पड़े उसके कदमों ने ,
खींची थी खून - पसीने से रेखा |
धूप में ताप से जला किसान,
बारिश में चली जाती जिसकी जान ,
मिट्टी की वो गंध, फसलों की खुशबू ,
मिलती कहाँ है शहरों में इतनी आसान |
किसान के दिल में फूल जगमगाते हैं ,
खुशियों के पल साथ जीते जाते हैं ,
जब खेतों में लहराती हैं फसलें,
तब वह अपनी खुशी का जश्न मनाते हैं |
कई बार उनकी मुश्किलों की ,
हम शहरों में बैठ ख़बरें देखते हैं ,
मगर किसान की लड़ाई ज़मीनी ,
यह हम कभी नहीं समझते हैं |
किसान होते हैं देश की जान,
उन पर ये देश सदा कुर्बान ,
इसलिए उन्हें समझो और सम्मान दो ,
तभी उन्नत करेगा अपना ये हिंदुस्तान ||