Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Nitu Mathur

Tragedy Inspirational

4  

Nitu Mathur

Tragedy Inspirational

किसान

किसान

1 min
54


कहीं सूख गयी धरती, कहीं पानी बना कहर 

कहीं बालू ने भरी उड़ान, तो कहीं 

बेबस किसान लाचारी से गया सिहर 

प्रकृति की इस तीक्ष्ण मार से

चहुँ ओर बस मंडराया सा कहर,

मानव अपनी मानवता खोने पर मजबूर

धैर्य की परीक्षा देते देते हो गया बस चूर,

क्या करे, कहां जाये -

वो भूमिहर, जिसके लिए "ज़मीन" सब कुछ है 

आज वही खो रहा अपना जीवन, 

जो हमारे लिए सब कुछ है, 


माँ समान धरती का ये रूप 

अब ना देखा जा रहा

कहीं से कुछ आस जगे 

मन हर पल पुकार रहा, 

जो सबके लिए अन्नदाता है 

जो ईश्वर सम कहलाता है, 

क्यूँ दीनहीनता में है जीने को मजबूर 

कुछ तो राहत मिले, हों उसके कष्ट दूर,


कल तक जो सबका पेट पाल रहा

आज खुद ही जद्दोजहद में जी रहा, 

क्यूँ नहीं मिल रहा उसे पर्याप्त सम्मान 

अपनी मेहनत के हिसाब से उसे ईनाम 

ये सब क्या यूं ही चलता जायेगा 

अपने ऊपर भारी पड़े ॠण की अग्नि में 

क्या यूँ ही झुलसता जायेगा, 

सभय समाज के कठोर नियम 

क्या उसी पर आजमाये जायेंगे 

धनवान और धनी और निर्धन 

और दीन-हीन हो जायेंगे, 


ये सब बस अब ना सहा जा रहा -

भारत की संस्कृति के महानायक " किसान "

की ये दशा अब ना देखी जा रही, 

थोड़ी संवेदना, थोड़ा साहस 

अब दर्शाना जरूरी है 

हर परिश्रमी को उसका हक मिले

ये प्रण लेना जरूरी है, 

एक प्रार्थना, एक विश्वास 

आशा की एक किरण लिए 

सबसे निवेदन है कि 

कृपया अपना फर्ज निभायें

भारत का हर खेतिहर हो ॠण से मुक्त 

आओ इस ओर कदम बढ़ायें। 


       


Rate this content
Log in