किसान की व्यथा
किसान की व्यथा
सबको भोजन देने वाला, खुद भूखा क्यों सोता है।
सबसे ज्यादा देश में तो, किसान बेचारा रोता है।।
सूट बूट की इच्छा नहीं, फिर क्यों खुश नहीं होता है।
कृषि प्रधान देश है फिर भी, किसान बेचारा रोता है।।
चार महीने मेहनत करके भी, वो भूखा सोता है।
ओला पड़ जाने पर दुखिया, फूट फूट कर रोता है।।
बच्चों की शादी करने को, कर्ज का बोझ भी ढोता है।
बच्चें पढ़ लिख कर अच्छे हों, सपना सपना ही होता है।।
सबको भोजन देने वाला, खुद भूखा क्यों सोता है।
सबसे ज्यादा देश में तो, किसान बेचारा रोता है।।