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Vinay Kumar

Others

4.8  

Vinay Kumar

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"राखी"

"राखी"

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सावन के गुजरने तक राखी भी तो आती है।

हर बहना भईया के लिए थाली सजाती है।।


राखी और गजरे से कलाई को सजाती हैं।

हल्दी और चावल से टीका भी लगाती हैं।।


साल में एक ही ऐसा त्यौहार आता है।

बहन भाई के रिश्ते के प्यार को ये जताता है।।


बहनों के लिए भाई कुछ तोहफ़ा भी लाता है।

माह सावन में ये त्यौहार तो हर साल आता है।।


पुरानी याद को लेकर तो ये त्यौहार आता है।

बहन भाई के रिश्तों को फिर बांध जाता है।।


बहन भी भाई के हाथों में रक्षा बांध आती है।

सदा प्यारा रहे रिश्ता मिठाई भी खिलाती है।।


भईया के सुखी जीवन को दुआयें मांग आती है।

बहन रिश्ता निभाने को तो कोसों दूर जाती है।।


बचपन की कुछ यादें हरा करने को आती है।

भईया से तो रक्षा के लिए सौगात पातीं है।।


सावन के गुजरने तक राखी भी तो आती है।

हर बहना तो भईया के लिए थाली सजाती हैं।।



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