वृक्षारोपण
वृक्षारोपण


कभी सड़कें बनाते हैं, कभी चौड़ीकरण करते।
हमेशा पेड़ पौधे ही, हर तरह से हैं कटते।।
इन्हीं पौधों से हम सबको, ऑक्सीजन मिलता है।
फिर पौधे गिराने से, हम सब क्यों नही डरते।।
हवा की कीमत क्या होती, कोरोना से हम सीखें हैं।
ऑक्सीजन न मिलने से, बहुत सब लाश देखें हैं।।
मगर फिर भी हम अपनी, आंख बंद करके क्यों बैठे हैं।
वृक्षारोपण भी आओ हम, सभी अब दिल से करते हैं।।
कभी फैक्टरी लगाने में, कभी बिल्डिंग बनाने में।
लग जाते हैं सब देखो, प्रकृति को ही मिटाने में।।
प्रकृति का गुस्सा क्या होता, कोरोना काल में देखा।
लगा दी विश्व ने ताकत, सिर्फ वैक्सीन बनाने में।।