ख्याली पुलाव
ख्याली पुलाव
मंत्री जी बोले पत्नी से-
हमारा चुनाव चिन्ह सूरज अब न होगा अस्त
विपक्ष के होंसले होंगे पस्त
फिर तुम्हें एक नज़र देखने का भी समय न होगा
अन्य महिलाओ और समाज सेवी कन्याओं के साथ ही व्यस्त रहूँगा
पत्नी बोली- हे प्राणप्रिय वक़्त बताएंगा,
तुम्हारे सिर पर जीत का सहेरा सजेगा"
या तुम्हारे अरमानो पर झाड़ू फिरेगा
जनता तुम चोरो की पार्टी को गई पहचान
तुम भी उनकी तबीयत और जरूरत पहचान लो
यह ख्याली पुलाव अकेले ही खाकर डकार लो!
लड़का बोला- चलो प्रिय कर ले शादी
थोड़ा दे योगदान बढ़ाने में देश की आबादी
लड़की बोली आज चढ़ा कैसा यह बुखार
बोला बहुत घूम लिया बाइक पर
अब लेनी हैं ससुर जी से कार
चल परे हट देख अपनी शक्ल टिंडे
तुझ दहेज़ लोभी से कौन करेगा शादी
तेरे जैसे चार के साथ घूमकर कर दूँ उनकी बर्बादी
कही और अपनी दाल पका ले
ख्याली पुलाव भी रख साथ में और मज़े से खा ले!