STORYMIRROR

Kishan Negi

Romance

4.5  

Kishan Negi

Romance

ख्वाबों की शहजादी

ख्वाबों की शहजादी

1 min
326



मैं तो आज भी वही हूँ 

जो कल था 

और कल भी वही रहूंगा 

जो आज हूँ 

मगर तुम क्यों बदल गई 

शायद कोई मिल गया होगा

जो मुझसे बेहतर होगा

हो भी क्यों न

मैं ठहरा अल्हड़ देहाती 

और तुम ठहरी महलों की रानी

मैं ठहरा मस्त फकीरों की जिंदगी

तुम ठहरी ख्वाबों की शहजादी

मैं अंधरों का मुसाफिर

तुम उजालों की किरण

सच कहा था तुमने कोई तालमेल नहीं

हैं न

ये अजीब घालमेल

ख्यालों में भी सोचा नहीं था कभी कि

प्रेम के प्रवाह में बहने की भी शर्त होती है

मगर ये तो बताओ

क्या ईश्क बिना अधूरी है जिंदगी

तुम सही थी और मैं गलत

उसको अपना समझने लगा

जो प्रेम की भाषा में भी 

खोजती हैं व्याकरण की त्रुटियाँ

तुम नहीं तो मेरी तन्हाई तो है साथ मेरे

जो सुनती है हर बात मेरे दिल की

जो जानती है दवा मेरे दर्द की

तुम शिकायतों का अंबार हो और

मेरी तन्हाई जीने की वज़ह। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance