Taj Mohammad

Romance

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Taj Mohammad

Romance

खूबसूरत हो तुम

खूबसूरत हो तुम

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लिखता हूं जो ग़ज़ल उसका तसव्वुर हो तुम ।

तुम्हें क्या पता किस तरह खूबसूरत हो तुम ।।1।।

 

मेरे सिवा जहां में ना चाहे तुम्हें कोई और ।

मेरी चाहत की पाकीजा मोहब्बत हो तुम ।।2।।


शुक्र है खुदा का जिसने भेजा जमीं पर तुम्हें । 

शिद्दतो से की है जो मैंने वह इबादत हो तुम ।।3।।


करते हैं ऐहतराम तेरा खुदा के बाद जहां में । 

देखे हर सिर झुक जाए ऐसी शराफत हो तुम ।।4।।


जिंदगी जीने के लिए दौलत तो कमाता हूं मैं । 

खुदा जानता है मेरी असली तिजारत हो तुम ।।5।।


उफ ये सादगी तुम्हारी कातिल ना बन जाये ।

बड़ी ही खूबसूरत हुस्न की कयामत हो तुम ।।6।



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