STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Classics Inspirational

खुशियां मिलेंगी

खुशियां मिलेंगी

1 min
256

हमारा अपना होगा सुखमय संसार,

जो सबके संग होगा अपनों सा व्यवहार।

खुशियां हर जगह मिल जाएंगी,

हमको अपने परिवार सी।


खुशियां बिखेरने वाले,

हर जगह खुश ही हैं रहते।

हर कोई महसूस यह कर सकेगा,

बनावटी बात हम कुछ न कहते।

सच्चाई यही है जहां में,

भलाई देती है भलाई आपकी।


हमारा अपना होगा सुखमय संसार,

जो सबके संग होगा अपनों सा व्यवहार।

खुशियां हर जगह मिल जाएंगी ,

हमको अपने परिवार सी।


रहना सजग है हरदम,

सिर्फ भोले नहीं बन के रहना।

भोलेपन में तुम्हें लूट लेंगे,

सदा से है बुजुर्गों का कहना।

भले के संग रहो भले बनके,

और बुरों से सदा बच के रहना।

बड़े ही खुदगर्ज हैं इस जगत में,

भारी पड़ जाएगी शराफ़त आपकी।


हमारा अपना होगा सुखमय संसार,

जो सबके संग होगा अपनों सा व्यवहार।

खुशियां हर जगह मिल जाएंगी ,

हमको अपने परिवार सी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract