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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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खुश रहो

खुश रहो

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खुश रहो हमेशा,

चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों ना आये,

मत झुको किसी के सामने,

लाख तूफा क्यों ना झुकाये।


बीती बाते भूल जाओ,

बीती रातें भूल जाओ,

जो जा रहा है उन्हें खुशी से जाने दो,

खुश रहो हमेशा, और हरदम मुस्कुराओ ।


मेहनत करो ऐसा,

एक दिन खुदा भी तेरी कदमों में झुक जाये,

और मत रो बीती बातों को याद कर के,

वो तो बस एक बुरा सपना था,

उन्हें ये कहकर भूल जाओ,


खुश रहो हमेशा, और हरदम मुस्कुराओ ।


मेहनत खुद से करो,

और, खुद पे रखो भरोसा,

मत रहो सूखे पत्तों की तरह,

खुश रहो हमेशा ।



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