खुद जागना बच्चे को सुलाना
खुद जागना बच्चे को सुलाना
मां एक ऐसा तोहफा,
मानवता को मिला,
जिसकी कोई भी,
तुलना नहीं।
जो लोग तर्क करते,
भगवान के होने पर।
शायद उन्होंने,
अपनी मां को,
ठीक से नहीं देखा,
वरना ये बात,
कभी नहीं उठाते।
वो बच्चे को,
नो महीने गर्भ में रखती,
हर कष्ट सहती,
फिर जाकर,
उसे सुरक्षित,
दुनिया में लाती।
फिर अपना दुध पिलाती,
उसे ताकत देती,
और हर बिमारी से बचाती।
खुद जागती रहती,
उसे लोरी देकर सुलाती।
कभी उस पर,
आंच न आने देती।
इसलिए बच्चा भी,
जब बोलना सीखता,
तो सबसे पहले,
मां ही बोलता।
अगर कभी कठिनाई आए,
तो हर कोई,
सबसे पहले,
"ओ मेरी मां" ही बोलता।
अपने बच्चे की खातिर,
मां किसी से भी भीड़ जाती,
और उसका संपूर्ण बचाव करती।
शायद ये सब,
भगवान ही करता,
इसलिए मां,
भगवान का जीता जागता,
रूप होती।
