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Sukant Suman

Abstract

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Sukant Suman

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खतरे में चौथा स्तंभ

खतरे में चौथा स्तंभ

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कहने के लिए है,

वह चौथा स्तंभ

इस तथाकथित समाज का,

पर क्या जनता देता है

उसे हक उसके सम्मान का।

जब हो चुका है लागू

कानून अभिव्यक्ति की आजादी का

फिर क्यों ? आज

है पत्रकारों की स्थिति हाशिए पर।

लोग करते रहे अपराध जघन्यतम

और हम बैठे रहे 

दुबक कर घर के भीतर।

है बहुत माहिर युवा आज के

फ़ैलाने में भ्रम सोशल मीडिया पे।

जब होता कहीं अनैतिक व्यवहार

हमारे स्तंभों पर, 

तो चुप बैठते लोग

जैसे मानो, कोरोना है उसके घर।।


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