कहती है जिंदगी.....
कहती है जिंदगी.....


मुस्कुराहटें कुछ अधूरी सी है
जिंदगी बरसात में
कुछ भीगी भीगी सी है
ढूंढता हूँ मै खुशी के पल
कहती है जिंदगी
तू संग संग मेरे चल,
मुस्कुराना हमको भी आता था
यूँ ही छोटी छोटी बातों पे
ये दिल मचल जाता था,
शायद वो एक पुराना दौर था
जो मेरा बचपन कहलाता था,
जिंदगी के संग संग चलते
कितनी दूर आ गए निकल के
अपना बचपन
अपने बच्चों मे देखते हैं
जो मुस्कुराहटें हैं अधूरी सी
उनको पूरा यहाँ समेटते हैं!