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Neeraj pal

Abstract

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Neeraj pal

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खोजें तो कहाँ खोजें।

खोजें तो कहाँ खोजें।

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चाहे वो हो नबी या के खुदा

 किसका सज़दा करूँ किस का दामन गहूँ

 लगते एक से हैं, होते एक दूजे में फिदा

 मुर्शिद तू ही बता, कैसे दर्द-ए-दिल ये सहूँ


 खोजें तो कहाँ खोजें, मुर्शिद यह तेरा परवाना....3

 जहॉं भी जलती है शम्मा, होता रोशन जमाना.....2

खोजें......

जहाँ..........


 बेखुदी ने तेरी मुझको, इस कदर है रुलाया.......2

 जैसे धड़कता हो दिल ,सुनके तेरा अफसाना......2

खोजें.....

जहाँ..........

 

तूने जो पिलाई नूरानी दौलत का, मदहोश भरा जो प्याला......2

दिखाई ना देता अब कुछ भी, चाहे कुछ भी कहे यह जमाना.....2 

खोजें........

जहाँ..........


न है हर किसी के वस में, तेरे बनाए उसूलों पर चलना......2

 हिम्मत वाले भी देखे हैं गिरते हुए, बड़ा ही कठिन है तेरा यह सनमखाना.......2

खोजें.........

जहाँ.........


 कहीं यूँ ही न गुज़र जायें, जीवन की ये चंद घड़ियाँ......2

 मिलन की गुज़ारिश लिये बैठा ये "नीरज", अपनी नूरानी सूरत तो दिखाना.....2

खोजें........

जहाँ......


गाने के बोल.....चाहे वो हो शराब याके खुदा।

फिल्म......सुकून।


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