खोयी खोयी सी
खोयी खोयी सी
आपकी मुस्कुराहट के यहाँ दीवाने कई
दीवानों की ज़ुबा पे इसके फ़साने कई
आपकी दबी दबी सी हँसी मगर
करती हैं बयां अफ़साना कुछ और ही...
आपकी आँखों से नशेमंद यहाँ कई
नशा-ए-गिरफ़्त में झूमते नगमें कई
आपकी बुझी बुझी सी नज़रें मगर
सुनाती हैं नज़्म कुछ और ही...
आपकी गेसुओं से घायल यहाँ कई
झटक-ए-दवा के इंतज़ार में मशगूल कई
इनकी हवा संग रूखी रूखी सी गुफ़्तगू
खोलती हैं राज़ मगर कुछ और ही...
आपकी अदाओं पे फ़िदा यहाँ कई
इक इशारे पे फ़ना हो यूँ आशिक कई
आपकी गुमसुम सी कशिश मगर
लगती हैं धुत तलाश में कुछ और ही...
आपकी हाज़िरी से बेईमान यहाँ कई
छलकते जाम से बदनाम बेशक़ कई
महफ़िल के उड़े उड़े से रंग अनदेखे
दिलाती हैं अहसास आपकी गैरमौजूदगी...
आपकी मेहमान-नवाज़ी में यहाँ कई
ऐसी तकल्लुफ़ में माहिर मेज़बान कई
आपकी धड़कनों से दरकार हमें मगर
आप ला-इल्म हैं जज़्बात से हमारे ही.....