कहीं
कहीं
कहीं आसमान में रंगत सी है कहीं खाब में जन्नत सी है
कहीं दूर एक चाँद है तो यहां उसकी चांदनी सी है
कहीं आँख दर्द से भरी है कहीं हौसला सूली पे लटका है
कहीं मुलाकात अधूरी सी है, कहीं कहानी अधूरी सी है
कहीं मुकम्मल है ये इश्क़, कहीं बेनाम है ये इश्क़
कहीं तूफान है दिल में, कहीं कुछ हवाई चल रही है
वहीं ये दिल तेरे किराये पे है, अब उसमे मलहम लगा या
घाव दे, फैसला वही तेरा होगा

