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Nayana Charaniya

Tragedy Inspirational

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Nayana Charaniya

Tragedy Inspirational

कहीं भूल गए

कहीं भूल गए

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छूटे कभी जो रिश्ते सारे तो कोई फिक्र नहीं,

आप तो जिक्र करना मेरा ही कहीं भूल गए।


ऐसी भी क्या जल्दी थी आपको जाने की,

एक बार भी पीछे मुड़ कर देखना ही भूल गए।


औरों से यूँ तो कोई उम्मीद कहाँ थी मेरी ? 

साथ चाहिए था जिनका वे ही मुझे भूल गए ।


जिसे देख कर सजाया था आशियाना मैंने,

वो कहीं मेरे घर आने का का रास्ता ही भूल गए।


यूं तो मैं हूँ अनमोल लेकिन कौन समझाए,

बिना मॉल के ही मिले, इसलिए मुझे ही भूल गए।


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