Prachi Chachondhiya
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ब्रज भूमि तो पिया की मोरे लीला का स्थल था, सीखना जो सबको पाठ अमर था ब्रज भूमि तो पिया की मोरे लीला का स्थल था, सीखना जो सबको पाठ अमर था
राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है। राष्ट्रपति मुर्मू जी इस संसार में महान किरदार है।
उसमें है जीवन की गाथा, हर राज का खुलासा। उसमें है जीवन की गाथा, हर राज का खुलासा।
भीड़...। भीड़...।
कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और बैठे रहेंगे सोचा क... कोई जगह कोई दहर हो जहाँ वक़्त न पंहुचा हो अभी भी बेवक़्त पहुँचेंगे वहाँ और ...
दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन पाता हूँ। दिन भर नियति से लड़, जब मैं थक जाता हूँ तब इन्हीं रंगों को देख, थोड़ा सुख चैन प...
मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार उतना? मुझे दगाबाज समझ कभी मुंह फेर मत लेना क्या तुम कर सकते हो मुझसे प्यार...
ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है
याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे याद है मुझे वो आपकी हर एक पसंद जो कभी बताया था नहीं मुझे
मेरे सपने...। मेरे सपने...।
इस हरे-भरे जंगल में, समय का कोई पता नहीं चलता। इस हरे-भरे जंगल में, समय का कोई पता नहीं चलता।
मेरे प्यार करने का मेरे लिखने का लहज़ा हो तुम मेरे प्यार करने का मेरे लिखने का लहज़ा हो तुम
‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है . ‘गुडिया’ सी नुमाइश करती है फिर वह ‘टीवी’ ‘फ्रिज’ स्कूटर’ हो जाती है .
मोहब्बत नाम हटा देना इतिहास -भविष्य के ख्यालों से, मन के भावों से, जान प्यारी है तो मोहब्बत नाम हटा देना इतिहास -भविष्य के ख्यालों से, मन के भावों से, जान प्यार...
ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशनी में भी खि ला साकी थोड़ी तो और शराब ला सागर को छलकने दे जी भर के तू अभी अंजुम की रोशन...
एक कविता - : 'सबसे भूखा आदमी' एक कविता - : 'सबसे भूखा आदमी'
आईं मिथिला की राजकुमारी वधू बनकर तुम्हारा अहोभाग्य था आईं मिथिला की राजकुमारी वधू बनकर तुम्हारा अहोभाग्य था
रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...! रूह से रूह ने मिलके सीखा देह का हर एक दाग़ छुपाना...!
भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए। भोग के लिए होती नहीं है सत्ता सेवा के लिए।
आँखें, जब किसी की पानी से भरी हुई परातें बन जाएं... आँखें, जब किसी की पानी से भरी हुई परातें बन जाएं...