ख़ुशबू प्यार की
ख़ुशबू प्यार की
ऐसी है सांसों में ही ख़ुशबू यार की !
हो रही है बातें इसलिए प्यार की
यादों ने इस क़दर है सताया उसकी
रातें मैंनें काटी है बहुत बेदार की
बीच सफ़र में मेरा साथ वो छोड़ गया
देखली है वफ़ाएं मैंनें दिलदार की
छोड़ दे जिद अपनी साथ चल घर सनम
बात मत कर सनम यूं ही बेकार की
और भी है यहां देखो चेहरे हसीन
हो गयी है बहुत हद अब तक़रार की
छोड़ नाराज़गी मिलूंगा आकर सनम
छुट्टी रहती है मेरी तो इतवार की
आज उसके चलो आज़म दीदार करे
इम्तिहां हो गयी उससे दीदार की।
