खास रिश्ता
खास रिश्ता
खास रिश्ता तुझसे जुड़ गया,
बिना मिले ही तुझ पर भरोसा किया।
अपनापन तुझसे इतना मिला,
दूरियों को भी नज़दीकियों में तबदील किया।
साथ तेरा जबसे मिला,
पंखों को परवाज़ मिला।
पा कर तुझे ऐसा लगा,
सपनों का संसार मिला।
करते हैं हम तुझ से गिला,
प्यार भी करते तुझ से बेपनाह।
मेरी हंसी, मेरे आंसू सब तुझ से जुड़े,
बन गया एक खास रिश्ता अपने दरमियां।

