कहां थे पहले !
कहां थे पहले !
दुनिया की इस भीड़ में ना जाने हम कहा थे पहले
आज जो बादल है धुंध के वो धुवा थे पहले।
सांसों में को उठती है वो रवानी कहा थी पहले
आज जो सांस आती है हर सांस के बाद वो हवा थी पहले।
आज जो जी रहे हैं जिंदगी वो कहाँ थी पहले
आज जो हकीकत है वो दुआ थी पहले।
ये फूलों से महकता बाग कहा था पहले
आज जो फूल है वो कली था पहले।
इन आंखों में जो है वो नमी कहा थी पहले
आज जो आंसू हैं खारे हैं वो पानी था पहले।