खामोशी की जुबां
खामोशी की जुबां
खामोशी की जुबां जिसने समझ लिया
समझो उसने सच्ची मोहब्बत पा लिया
निगाहें समझती निगाहों के अल्फ़ाज़
वरना दिल में दफ़न ही रह जाते राज
दिल से जब जुड़ते हैं दिल के तार
दिल तरंगित होता रहता बार बार
इश्क का रूहानी अहसास ही काफी है
जो जिंदगी भर दिल के कोने में रहती है.

