ये दिल क्या करे
ये दिल क्या करे
जब जब तेरी याद सताए
इक पल भी चैन न आये
बैचेनी जब बढ़ती जाए
तो बताओ ये दिल क्या करे
पलकों पर हो सतरंगी सपने
जो न होंगे कभी अपने
फिर भी उन सपनों की
चाहत में दिल टूट जाये
तो बताओ ये दिल क्या करे
हर पल दिल में हो तेरा ख्याल
रात दिन उलझन में हर सवाल
उन सवालों के जब जवाब न मिले
तो बताओ ये दिल क्या करे..