यादें आँगन की
यादें आँगन की
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यादें आँगन की भूले नहीं भूलती
शरारतें वो बचपन की नहीं छूटती
वो अब भी दिल को तड़पाती है
सच कहूँ मुझे उन दिनों की
आज भी बहुत याद आती है
न चिंता न किसी बात का गम
हम भी कौन से थे बादशाह से कम
वो कश्तियाँ बनाना बारिश में बहाना
खुद तो भीगना संग दोस्तों को भिगाना
आज भी उस दौर को जीने की
चाहत सी दिल में जग जाती है....