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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

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Taj Mohammad

Abstract Tragedy Action

खामोशी भीअजब चीज होती है

खामोशी भीअजब चीज होती है

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ख़ामोशी भी अज़ब चीज होती है।

चुप रहकर भी यह सब बोलती है।।1।।


अब यूँ मिलना मिलाना होगा नहीं।

हँस ले आँखें राज़ सब खोलती है।।2।।


ऐ दिलेनादाँ इश्क़ में क्यूं परेशाँ है।

धडकन तेरी तो सनम खोजती है।।3।।


जरूरत नही हमें यूँ महफिलों की।

अलग हमारी बस यह मौसिक़ी है।।4।।


रुखसार पर छलकी जो तबस्सुम।

ये गम-ए-दिल की जुबां बोलती है।।5।।


तन्हा कहाँ हूँ रास्ता तो है संग मेरे।

यह राह जानिबे घर को छोड़ती है।।6।।


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